इश्क़ और मौतShayari By 18 Nov 2023 08:40:01 AMIqbal Dayसुहानी नुमूद-ए-जहाँ की घड़ी थी तबस्सुम-फ़शाँ ज़िंदगी की कली थी कहीं मुहर को ताज-ए-ज़र मिल रहा था अता चाँद को चाँदनी हो रही थी [...] Continue Reading... Share on:
जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाहीShayari By 18 Nov 2023 08:14:59 AMIqbal Dayजब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही खुलते हैं ग़ुलामों पर असरार-ए-शहंशाही 'अत्तार' हो 'रूमी' हो 'राज़ी' हो 'ग़ज़ाली' हो कुछ हाथ नहीं आता बे-आह-ए-सहर-गाही [...] Continue Reading... Share on:
फूल की पत्ती से कट सकता है हीरे का जिगरShayari By 16 Jul 2023 11:08:44 AMSherफूल की पत्ती से कट सकता है हीरे का जिगर मर्द-ए-नादाँ पर कलाम-ए-नर्म-ओ-नाज़ुक बे-असर Continue Reading... Share on:
shikwaShayari By 07 Apr 2023 08:06:34 AMNazmkyun ziyan-kar banun sud-faramosh rahun fikr-e-farda na karun mahw-e-gham-e-dosh rahun nale bulbul ke sunun aur hama-tan gosh rahun ham-nawa main bhi koi gul hun ki khamosh rahun [...] Continue Reading... Share on:
जवाब-ए-शिकवाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMNazmदिल से जो बात निकलती है असर रखती है पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है क़ुदसी-उल-अस्ल है रिफ़अत पे नज़र रखती है ख़ाक से उठती है गर्दूं पे गुज़र रखती है [...] Continue Reading... Share on:
एक नौ-जवान के नामShayari By 01 Nov 2020 06:32:15 PMNazmतिरे सोफ़े हैं अफ़रंगी तिरे क़ालीं हैं ईरानी लहू मुझ को रुलाती है जवानों की तन-आसानी इमारत किया शिकवा-ए-ख़ुसरवी भी हो तो क्या हासिल न ज़ोर-ए-हैदरी तुझ में न इस्तिग़ना-ए-सलमानी [...] Continue Reading... Share on: