उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम कियाShayari By 29 Feb 2024 07:10:58 AMGhazalउल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया अहद-ए-जवानी रो रो काटा पीरी में लीं आँखें मूँद या'नी रात बहुत थे जागे सुब्ह हुई आराम किया [...] Continue Reading... Share on:
रह गए सब्हा ओ ज़ुन्नार के झगड़े बाक़ीShayari By 04 Dec 2020 04:41:57 AMSherरह गए सब्हा ओ ज़ुन्नार के झगड़े बाक़ी धर्म हिन्दू में नहीं दीन मुसलमाँ में नहीं Continue Reading... Share on:
'मीर' के दीन-ओ-मज़हब को अब पूछते क्या हो उन ने तोShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSher'मीर' के दीन-ओ-मज़हब को अब पूछते क्या हो उन ने तो क़श्क़ा खींचा दैर में बैठा कब का तर्क इस्लाम किया why is it you seek to know, of miir's religion, sect, for he sits in temples, painted brow, well on the road to heresy [...] Continue Reading... Share on:
मुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनूँ ने ये भी वही-ए-इलाही हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनूँ ने ये भी वही-ए-इलाही है मज़हब तो बस मज़हब-ए-दिल है बाक़ी सब गुमराही है Continue Reading... Share on:
मज़हब की ख़राबी है न अख़्लाक़ की पस्तीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमज़हब की ख़राबी है न अख़्लाक़ की पस्ती दुनिया के मसाइब का सबब और ही कुछ है Continue Reading... Share on:
शैख़ अपनी रग को क्या करें रेशे को क्या करेंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherशैख़ अपनी रग को क्या करें रेशे को क्या करें मज़हब के झगड़े छोड़ें तो पेशे को क्या करें Continue Reading... Share on: