कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहींShayari By 23 Apr 2024 03:51:42 PMSherकहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं जा मय-कदे से मेरी जवानी उठा के ला Continue Reading... Share on:
वक़्त के साथ साथ इंसाँ काShayari By 21 Apr 2024 02:41:37 PMQitaवक़्त के साथ साथ इंसाँ का इक 'अजब रंग होता जाता है हिम्मतें साथ छोड़ देती हैं दायरा तंग होता जाता है [...] Continue Reading... Share on:
इंक़िलाबी औरतShayari By 21 Apr 2024 02:13:11 PMNazmरणभूमी में लड़ते लड़ते मैं ने कितने साल इक दिन जल में छाया देखी चट्टे हो गए बाल पापड़ जैसी हुईं हड्डियाँ जलने लगे हैं दाँत जगह जगह झुर्रियों से भर गई सारे तन की खाल [...] Continue Reading... Share on:
जाम टकराओ वक़्त नाज़ुक हैShayari By 21 Apr 2024 12:56:53 PMGhazalजाम टकराओ वक़्त नाज़ुक है रंग छलकाओ वक़्त नाज़ुक है हसरतों की हसीन क़ब्रों पर फूल बरसाओ वक़्त नाज़ुक है [...] Continue Reading... Share on:
मा'रिफ़त के लिए आगही के लिएShayari By 20 Apr 2024 05:24:36 AMGhazalमा'रिफ़त के लिए आगही के लिए नूर-ए-हक़ चाहिए रौशनी के लिए जी रहे हैं किसी की ख़ुशी के लिए वर्ना क्या है यहाँ ज़िंदगी के लिए [...] Continue Reading... Share on:
किसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही हैShayari By 05 Mar 2024 02:57:59 AMGhazalकिसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही है कि ये उदासी हमारे जिस्मों से किस ख़ुशी में लिपट रही है अजीब दुख है हम उस के हो कर भी उस को छूने से डर रहे हैं अजीब दुख है हमारे हिस्से की आग औरों में बट रही है [...] Continue Reading... Share on: