सभी हिंदी शायरी

बहते रहना एक बहाना होता है

बहते रहना एक बहाना होता है ...

nomaan-shauque

बाहर निकल के देखिए तूफ़ान कम हुआ

बाहर निकल के देखिए तूफ़ान कम हुआ ...

nomaan-shauque

बदन चराग़ नहीं हैं मोहब्बतें अपनी

बदन चराग़ नहीं हैं मोहब्बतें अपनी ...

nomaan-shauque

बदन बदन की ज़रूरत से मार डाला गया

बदन बदन की ज़रूरत से मार डाला गया ...

nomaan-shauque

बात फिर निकली नई इक बात से

बात फिर निकली नई इक बात से ...

nomaan-shauque

अपनी ख़ातिर ऐ ख़ुदा ये काम कर

अपनी ख़ातिर ऐ ख़ुदा ये काम कर ...

nomaan-shauque

अपनी चाहत को मिरे दुख के बराबर कर दे

अपनी चाहत को मिरे दुख के बराबर कर दे ...

nomaan-shauque

अपनी आग़ोश-ए-फ़राग़त में पड़ा रहता हूँ

अपनी आग़ोश-ए-फ़राग़त में पड़ा रहता हूँ ...

nomaan-shauque

अपने तेवर से जो कर देता है सब को ला-कलाम

अपने तेवर से जो कर देता है सब को ला-कलाम ...

nomaan-shauque

अब नया 'इश्क़ है उस का मिरी तन्हाई से

अब नया 'इश्क़ है उस का मिरी तन्हाई से ...

nomaan-shauque

आठों पहर का ये तिरा मज़दूर आ गया

आठों पहर का ये तिरा मज़दूर आ गया ...

nomaan-shauque

आप अपनी मौत मर जाने दिया

आप अपनी मौत मर जाने दिया ...

nomaan-shauque

आँखों को आँसुओं की ज़रूरत है आज भी

आँखों को आँसुओं की ज़रूरत है आज भी ...

nomaan-shauque

आग और ख़ूँ के खेल से अब तक भरा न जी

आग और ख़ूँ के खेल से अब तक भरा न जी ...

nomaan-shauque

ये कर्तब कर दिखाना चाहता हूँ

ये कर्तब कर दिखाना चाहता हूँ ...

nazar-dwivedi

सुकून-ए-ज़ीस्त भी खोना कोई मज़ाक़ नहीं

सुकून-ए-ज़ीस्त भी खोना कोई मज़ाक़ नहीं ...

nazar-dwivedi

सपने गए सुकून भी उल्फ़त चली गई

सपने गए सुकून भी उल्फ़त चली गई ...

nazar-dwivedi

न थी हरगिज़ मिरी परवाह दिल को

न थी हरगिज़ मिरी परवाह दिल को ...

nazar-dwivedi

न जाने उस के कितने ही सहारे साथ रहते हैं

न जाने उस के कितने ही सहारे साथ रहते हैं ...

nazar-dwivedi

महफ़िल तमाम रात ही यूँ तो सजी रही

महफ़िल तमाम रात ही यूँ तो सजी रही ...

nazar-dwivedi
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