यूँ हाथ नहीं आता वो गौहर-ए-यक-दाना यक-रंगी ओ आज़ादी ऐ हिम्मत-ए-मर्दाना या संजर ओ तुग़रल का आईन-ए-जहाँगीरी या मर्द-ए-क़लंदर के अंदाज़-ए-मुलूकाना या हैरत-ए-'फ़राबी' या ताब-ओ-तब-ए-'रूमी' या फ़िक्र-ए-हकीमाना या जज़्ब-ए-कलीमाना या अक़्ल की रूबाही या इश्क़-ए-यदुल-लाही या हीला-ए-अफ़रंगी या हमला-ए-तुरकाना या शर-ए-मुसलमानी या दैर की दरबानी या नारा-ए-मस्ताना काबा हो कि बुत-ख़ाना मीरी में फ़क़ीरी में शाही में ग़ुलामी में कुछ काम नहीं बनता बे-जुरअत-ए-रिंदाना