सियासत के चेहरे पे रौनक़ नहीं By Sher << मिरी ग़ज़ल में किसी बेवफ़... सुन ऐ कोह-ओ-दमन को सब्ज़ ... >> सियासत के चेहरे पे रौनक़ नहीं ये औरत हमेशा की बीमार है Share on: