दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँShayari By 24 Feb 2024 05:02:10 PMGhazalदिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ दैर नहीं हरम नहीं दर नहीं आस्ताँ नहीं बैठे हैं रहगुज़र पे हम ग़ैर हमें उठाए क्यूँ [...] Continue Reading... Share on:
ग़मों पर मुस्कुरा लेते हैं लेकिन मुस्कुरा कर हमShayari By 25 Oct 2023 03:47:15 PMSherग़मों पर मुस्कुरा लेते हैं लेकिन मुस्कुरा कर हम ख़ुद अपनी ही नज़र में चोर से मालूम होते हैं Continue Reading... Share on:
न तो रंज-ओ-ग़म से ही रब्त है न ही आश्ना-ए-ख़ुशी हूँ मैंShayari By 02 Oct 2023 02:11:09 AMSherन तो रंज-ओ-ग़म से ही रब्त है न ही आश्ना-ए-ख़ुशी हूँ मैं मिरी ज़िंदगी भी अजीब है इसे मंज़िलों का पता नहीं Continue Reading... Share on:
ग़म से बहल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैंShayari By 28 Sep 2023 11:31:20 PMSherग़म से बहल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैं दर्द में ढल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैं Continue Reading... Share on:
बड़ी उम्र के बा'द इन आँखों में कोई अब्र उतरा तिरी यादों काShayari By 26 Sep 2023 05:30:52 AMSherबड़ी उम्र के बा'द इन आँखों में कोई अब्र उतरा तिरी यादों का मिरे दिल की ज़मीं आबाद हुई मिरे ग़म का नगर शादाब हुआ Continue Reading... Share on:
आँखों से कू-ए-यार का मंज़र नहीं गयाShayari By 05 Sep 2023 07:24:41 PMKhuddari Shayariआँखों से कू-ए-यार का मंज़र नहीं गया हालाँकि दस बरस से मैं उस घर नहीं गया उस ने मज़ाक़ में कहा मैं रूठ जाऊँगी लेकिन मरे वजूद से ये डर नहीं गया [...] Continue Reading... Share on: