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दुनिया में रौशनी की क़यादत को लिख चलें

दुनिया में रौशनी की क़यादत को लिख चलें ...

abid-barelvi

दिल में नफ़रत की लगी आग बुझा दी जाए

दिल में नफ़रत की लगी आग बुझा दी जाए ...

abid-barelvi

आँखों में आँसुओं का गुज़ारा नहीं रहा

आँखों में आँसुओं का गुज़ारा नहीं रहा ...

abid-barelvi

उस से कहना कि धुआँ देखने लाइक़ होगा

उस से कहना कि धुआँ देखने लाइक़ होगा

abhishek-shukla

किताब-ए-ज़ीस्त में ऐसा कोई भी बाब नहीं

किताब-ए-ज़ीस्त में ऐसा कोई भी बाब नहीं ...

a.r-sahil-'aleeg'

ज़िंदा लोगों को निवालों सा चबाने वाले

ज़िंदा लोगों को निवालों सा चबाने वाले

aftab-shah

ज़ात की नरमी ज़ेहनी ठंडक शफ़क़त सारी दुनिया की

ज़ात की नरमी ज़ेहनी ठंडक शफ़क़त सारी दुनिया की

aftab-shah

ज़रबें दे कर पलट के देखा तो

ज़रबें दे कर पलट के देखा तो

aftab-shah

ये उस का खेल है जिस खेल में हर बार वो यारो

ये उस का खेल है जिस खेल में हर बार वो यारो

aftab-shah

वक़्त की कोख में सुलगता सा

वक़्त की कोख में सुलगता सा

aftab-shah

शायद वो जा चुका है मगर देख लो कहीं

शायद वो जा चुका है मगर देख लो कहीं

aftab-shah

सच का निखरा लिबास पहने हुए

सच का निखरा लिबास पहने हुए

aftab-shah

निकल गया जो कहानी से मैं तुम्हारी कहीं

निकल गया जो कहानी से मैं तुम्हारी कहीं

aftab-shah

माँग लेते हैं भरोसे पे कि वो दे देगा

माँग लेते हैं भरोसे पे कि वो दे देगा

aftab-shah

लिखवा दिए हैं रब को सभी ज़ालिमों के नाम

लिखवा दिए हैं रब को सभी ज़ालिमों के नाम

aftab-shah

हम तो इक तिल पे ही बस ख़ुद को फ़ना कर बैठे

हम तो इक तिल पे ही बस ख़ुद को फ़ना कर बैठे

aftab-shah

हाथ चेहरे पे लगाते ही वो घबरा सी गईं

हाथ चेहरे पे लगाते ही वो घबरा सी गईं

aftab-shah

हार को जीत के पहलू में बिठा देते हैं

हार को जीत के पहलू में बिठा देते हैं

aftab-shah

दर-ब-दर मैं ही नहीं वक़्त भी इन राहों पर

दर-ब-दर मैं ही नहीं वक़्त भी इन राहों पर

aftab-shah

डर तो नहीं मगर कहीं पत्तों के शोर से

डर तो नहीं मगर कहीं पत्तों के शोर से

aftab-shah
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