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तिरे जैसा मेरा भी हाल था न सुकून था न क़रार था
तिरे जैसा मेरा भी हाल था न सुकून था न क़रार था ...
शैख़ को जन्नत मुबारक हम को दोज़ख़ है क़ुबूल
शैख़ को जन्नत मुबारक हम को दोज़ख़ है क़ुबूल
रिदा कोई दिलरुबा नहीं है निगह कोई दिल-नशीं नहीं है
रिदा कोई दिलरुबा नहीं है निगह कोई दिल-नशीं नहीं है ...
मुतमइन भी किस क़दर थे अपनी क़ुर्बानी से हम
मुतमइन भी किस क़दर थे अपनी क़ुर्बानी से हम ...