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कश्मकश में खुल न जाए आप का सर देखना

कश्मकश में खुल न जाए आप का सर देखना ...

ahmed-rais-nizami

इस क़दर ज़ेहन में अब वाहिमे पड़ जाते हैं

इस क़दर ज़ेहन में अब वाहिमे पड़ जाते हैं ...

ahmed-rais-nizami

आँसुओं को तीरगी के काम में लाया करो

आँसुओं को तीरगी के काम में लाया करो ...

ahmed-rais-nizami

जब तक जुनूँ जुनूँ है ग़म-ए-आगही भी है

जब तक जुनूँ जुनूँ है ग़म-ए-आगही भी है ...

ahmad-zafar

डर के बैठा हूँ सर-निगूँ वहशत

डर के बैठा हूँ सर-निगूँ वहशत ...

ahmad-tariq

ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे

ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे ...

ahmad-shanas

सुब्ह-ए-वजूद हूँ कि शब-ए-इंतिज़ार हूँ

सुब्ह-ए-वजूद हूँ कि शब-ए-इंतिज़ार हूँ ...

ahmad-shanas

फूलों में एक रंग है आँखों के नीर का

फूलों में एक रंग है आँखों के नीर का ...

ahmad-shanas

नए ज़मानों की चाप तो सर पे आ खड़ी थी

नए ज़मानों की चाप तो सर पे आ खड़ी थी ...

ahmad-shahryar

जो हम पे गुज़रे थे रंज सारे जो ख़ुद पे गुज़रे तो लोग समझे

जो हम पे गुज़रे थे रंज सारे जो ख़ुद पे गुज़रे तो लोग समझे ...

ahmad-salman

तन्हाइयों के दश्त में अक्सर मिला मुझे

तन्हाइयों के दश्त में अक्सर मिला मुझे ...

ahmad-rahi

सूरज को निकलना है सो निकलेगा दुबारा

सूरज को निकलना है सो निकलेगा दुबारा ...

ahmad-nadeem-qasmi

मरूँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊँ

मरूँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊँ ...

ahmad-nadeem-qasmi

गुल तिरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में

गुल तिरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में ...

ahmad-nadeem-qasmi

एक माहौल अछूता चाहूँ

एक माहौल अछूता चाहूँ ...

ahmad-nadeem-qasmi

एहसास में फूल खिल रहे हैं

एहसास में फूल खिल रहे हैं ...

ahmad-nadeem-qasmi

मैं ने कहा कि देख ये मैं ये हवा ये रात

मैं ने कहा कि देख ये मैं ये हवा ये रात ...

ahmad-mushtaq

मुसलसल याद आती है चमक चश्म-ए-ग़ज़ालाँ की

मुसलसल याद आती है चमक चश्म-ए-ग़ज़ालाँ की ...

ahmad-mushtaq

मिल ही आते हैं उसे ऐसा भी क्या हो जाएगा

मिल ही आते हैं उसे ऐसा भी क्या हो जाएगा ...

ahmad-mushtaq

कभी ख़्वाहिश न हुई अंजुमन-आराई की

कभी ख़्वाहिश न हुई अंजुमन-आराई की ...

ahmad-mushtaq
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