सभी हिंदी शायरी

ऐ परी-ज़ाद कुछ तो बता ये भी क्या क़र्या-ए-क़ाफ़ का भेद है

ऐ परी-ज़ाद कुछ तो बता ये भी क्या क़र्या-ए-क़ाफ़ का भेद है ...

abid-raza

आसमाँ की क़दीमी कमाँ-गाह से जब सितारों में छोड़ी गई रौशनी

आसमाँ की क़दीमी कमाँ-गाह से जब सितारों में छोड़ी गई रौशनी ...

abid-raza

तुम से बस 'इश्क़ है रवानी में

तुम से बस 'इश्क़ है रवानी में

dr.-yasin-aatir

सामने उस के कभी उस की सताइश नहीं की

सामने उस के कभी उस की सताइश नहीं की ...

ahmad-faraz

آسماں بھی ہے ستم ایجاد کیا!

جولائی ۴۴ء کی ایک ابر آلود سہ پہر جب وادیوں اور مکانوں کی سرخ چھتوں پر گہرا نیلا کہرا چھایا ہوا تھا اور پہاڑ کی چوٹیوں پر تیرتے ہوئے بادل برآمدوں کے...

قرۃالعین-حیدر

मेरा नाम राधा है

ये उस ज़माने का ज़िक्र है जब इस जंग का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। ग़ालिबन आठ नौ बरस पहले की बात है जब ज़िंदगी में हंगामे बड़े सलीक़े से आते थे। आज कल की तरह न...

सआदत-हसन-मंटो

तन्हाई से है सोहबत दिन रात जुदाई में

तन्हाई से है सोहबत दिन रात जुदाई में ...

joshish-azimabadi

वो बे-वफ़ा है तो क्या मत कहो बुरा उस को

वो बे-वफ़ा है तो क्या मत कहो बुरा उस को ...

naseer-turabi

ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे

ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे ...

muneer-niyazi

कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया

कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया ...

obaidullah-aleem

चराग़-ओ-आफ़ताब गुम बड़ी हसीन रात थी

चराग़-ओ-आफ़ताब गुम बड़ी हसीन रात थी ...

sudarshan-faakir

मैं आज ज़द पे अगर हूँ तो ख़ुश-गुमान न हो

मैं आज ज़द पे अगर हूँ तो ख़ुश-गुमान न हो

ahmad-faraz

यूँ भी कमाल कीजिए इक घर बनाइए

यूँ भी कमाल कीजिए इक घर बनाइए ...

adnan-asar

तू ने मुझ को न ग़ज़ल-गोई 'अता की होती

तू ने मुझ को न ग़ज़ल-गोई 'अता की होती ...

adnan-asar

सौ जहाँ और भी हैं वुस'अत-ए-अफ़्लाक में गुम

सौ जहाँ और भी हैं वुस'अत-ए-अफ़्लाक में गुम ...

adnan-asar

नींद अच्छी है कि कुछ ख़्वाब निकल आते हैं

नींद अच्छी है कि कुछ ख़्वाब निकल आते हैं ...

adnan-asar

जिस की इक दीद भाव है दिल का

जिस की इक दीद भाव है दिल का ...

adnan-asar

हम को जहान-ए-शौक़ का मंज़र नहीं मिला

हम को जहान-ए-शौक़ का मंज़र नहीं मिला ...

adnan-asar

हम इक परी की मोहब्बत में मुब्तला हो कर

हम इक परी की मोहब्बत में मुब्तला हो कर ...

adnan-asar

घर की दीवार पे क्यों लिक्खा कि घर ख़ाली है

घर की दीवार पे क्यों लिक्खा कि घर ख़ाली है ...

adnan-asar
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