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खड़े हैं मूसा उठाओ पर्दा दिखाओ तुम आब-ओ-ताब-ए-आरिज़
खड़े हैं मूसा उठाओ पर्दा दिखाओ तुम आब-ओ-ताब-ए-आरिज़ ...
ख़ुशियाँ हों सिर्फ़ जिस में ये ग़म का धुआँ न हो
ख़ुशियाँ हों सिर्फ़ जिस में ये ग़म का धुआँ न हो ...
किताब-ए-ज़ीस्त में ऐसा कोई भी बाब नहीं
किताब-ए-ज़ीस्त में ऐसा कोई भी बाब नहीं ...