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यूँ क़ैस दश्त में तन-ए-तन्हा मुक़ीम है

यूँ क़ैस दश्त में तन-ए-तन्हा मुक़ीम है ...

ahmar-nadeem

बरस कर खुल गया अब्र-ए-ख़िज़ाँ आहिस्ता आहिस्ता

बरस कर खुल गया अब्र-ए-ख़िज़ाँ आहिस्ता आहिस्ता ...

ahmad-mushtaq

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए ...

ahmad-mushtaq

तुम ने गर मुझ को कभी दिल से पुकारा होता

तुम ने गर मुझ को कभी दिल से पुकारा होता ...

aatish-muradabadi

तुम भी रूठी रहो ये गवारा नहीं

तुम भी रूठी रहो ये गवारा नहीं ...

aatish-muradabadi

ख़ार दुश्मन जो बिछाए तो कोई बात नहीं

ख़ार दुश्मन जो बिछाए तो कोई बात नहीं ...

aatish-muradabadi

तुम्हारे ग़म की उदासी क़लील करते हुए

तुम्हारे ग़म की उदासी क़लील करते हुए

aadil-rahi

तुम अपनी तबाही का मातम तो कर लो

तुम अपनी तबाही का मातम तो कर लो

aadil-rahi

सब को दिल का राज़ बताना ठीक नहीं

सब को दिल का राज़ बताना ठीक नहीं

aadil-rahi

पता कैसे हों आख़िर हिज्र के अस्बाब दुनिया को

पता कैसे हों आख़िर हिज्र के अस्बाब दुनिया को

aadil-rahi

बस इक यही तो ख़राबी है उस की फ़ितरत में

बस इक यही तो ख़राबी है उस की फ़ितरत में

aadil-rahi

तू ने ही हर क़दम पे दिया हौसला मुझे

तू ने ही हर क़दम पे दिया हौसला मुझे ...

aadil-rahi

तेरी हर बात पे तन्क़ीद नहीं कर सकता

तेरी हर बात पे तन्क़ीद नहीं कर सकता ...

aadil-rahi

मैं न कहता था मिरे यार बदल जाता है

मैं न कहता था मिरे यार बदल जाता है ...

aadil-rahi

गुलाब रंगों को ज़ा'फ़रानी नहीं करूँगा

गुलाब रंगों को ज़ा'फ़रानी नहीं करूँगा ...

aadil-rahi

अपनी आँखों से तबाही ये नज़ारा देखूँ

अपनी आँखों से तबाही ये नज़ारा देखूँ ...

aadil-rahi

क्या इसी भूल को कहते हैं मोहब्बत का ज़वाल

क्या इसी भूल को कहते हैं मोहब्बत का ज़वाल

ahmad-faraz

ख़ुद ही संग-ओ-ख़िश्त ख़ुद ही सर-जुनून-ए-सर हूँ मैं

ख़ुद ही संग-ओ-ख़िश्त ख़ुद ही सर-जुनून-ए-सर हूँ मैं ...

ahmad-faqih

बाग़ क्या क्या शजर दिखाते हैं

बाग़ क्या क्या शजर दिखाते हैं ...

afzaal-naveed

नई ज़मीनें नए आसमाँ बनाऊँगा

नई ज़मीनें नए आसमाँ बनाऊँगा ...

aftab-shah
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