सभी हिंदी शायरी

भरे मकान में रोते हुए अकेला था

भरे मकान में रोते हुए अकेला था ...

sajid-raheem

बेजा तकल्लुफ़ात में कुछ भी नहीं बचा

बेजा तकल्लुफ़ात में कुछ भी नहीं बचा ...

sajid-raheem

बस यही सोच के ख़ुश-बाश रहा जाने लगा

बस यही सोच के ख़ुश-बाश रहा जाने लगा ...

sajid-raheem

बहुत सुंदर ग़ज़ब अच्छा लगेगा

बहुत सुंदर ग़ज़ब अच्छा लगेगा ...

sajid-raheem

'अजीब चाल कोई तीर चल गए अपने

'अजीब चाल कोई तीर चल गए अपने ...

sajid-raheem

अगर तुम्हारे नाम की नहीं रही

अगर तुम्हारे नाम की नहीं रही ...

sajid-raheem

वो ज़िंदगी कि जिस में अज़िय्यत नहीं कोई

वो ज़िंदगी कि जिस में अज़िय्यत नहीं कोई ...

sahar-ansari

अपने जुनूँ की ताज़ा हिकायत है आज भी

अपने जुनूँ की ताज़ा हिकायत है आज भी ...

saghir-ahmad-sufi

ज़रा वो ख़ाक में मिलने न दे ख़ून-ए-शहीदाँ को

ज़रा वो ख़ाक में मिलने न दे ख़ून-ए-शहीदाँ को

safdar-mirzapuri

ज़ख़्म-ए-दिल पर गुलाब रख्खा है

ज़ख़्म-ए-दिल पर गुलाब रख्खा है ...

sabeensaif

तुझे भुलाने की अब जुस्तुजू नहीं करते

तुझे भुलाने की अब जुस्तुजू नहीं करते ...

sabeensaif

मुझ पे वो कुछ इस क़दर छाता रहा

मुझ पे वो कुछ इस क़दर छाता रहा ...

sabeensaif

लिखा था नाम जो इक शाम कोरे काग़ज़ पर

लिखा था नाम जो इक शाम कोरे काग़ज़ पर ...

sabeensaif

कब दिया ये जला हवा के लिए

कब दिया ये जला हवा के लिए ...

sabeensaif

जिन के हाथों में सर हमारे हैं

जिन के हाथों में सर हमारे हैं ...

sabeensaif

हिजरतों के गुलाब देखे हैं

हिजरतों के गुलाब देखे हैं ...

sabeensaif

भुला चुका है ज़माना मिरे फ़साने को

भुला चुका है ज़माना मिरे फ़साने को ...

sabeensaif

बहुत क़रीब था पर मेहरबाँ न था मेरा

बहुत क़रीब था पर मेहरबाँ न था मेरा ...

sabeensaif

नहीं होता कभी अच्छा हमारा

नहीं होता कभी अच्छा हमारा ...

rohit-gustakh

मोहब्बत को पराई कर रही हो

मोहब्बत को पराई कर रही हो ...

rohit-gustakh
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