सभी हिंदी शायरी

ज़र्द होने से हरा होने से क्या होना है

ज़र्द होने से हरा होने से क्या होना है ...

sajid-raheem

ये ज़िंदगी अब और नहीं चाहिए मुझे

ये ज़िंदगी अब और नहीं चाहिए मुझे ...

sajid-raheem

तुझे तलाश किसी कमसिन-ओ-हसीन की बस

तुझे तलाश किसी कमसिन-ओ-हसीन की बस ...

sajid-raheem

ठीक है दिल पे तिरे दर्द का धावा भी है

ठीक है दिल पे तिरे दर्द का धावा भी है ...

sajid-raheem

शि'आर दर्द को ग़म को उसूल कर भी लिया

शि'आर दर्द को ग़म को उसूल कर भी लिया ...

sajid-raheem

सब समझते हैं कि फ़नकार नशे में धुत है

सब समझते हैं कि फ़नकार नशे में धुत है ...

sajid-raheem

मुझे सँभालने से पेशतर वो मेरा था

मुझे सँभालने से पेशतर वो मेरा था ...

sajid-raheem

मुद्दत हुई शे'रों के सिवा कुछ नहीं कहता

मुद्दत हुई शे'रों के सिवा कुछ नहीं कहता ...

sajid-raheem

किए हैं रास्ते हमवार जाने वालों के

किए हैं रास्ते हमवार जाने वालों के ...

sajid-raheem

किसी सुब्ह का था मंज़र सभी काम जा रहे थे

किसी सुब्ह का था मंज़र सभी काम जा रहे थे ...

sajid-raheem

किसी के दुख को ज़रूरत थी पर्दा-पोशी की

किसी के दुख को ज़रूरत थी पर्दा-पोशी की ...

sajid-raheem

काँच आँखों में चुभोना तो नहीं बनता है

काँच आँखों में चुभोना तो नहीं बनता है ...

sajid-raheem

काम आ कर भी तो हर शख़्स के तन्हा होना

काम आ कर भी तो हर शख़्स के तन्हा होना ...

sajid-raheem

झूट कहते हैं कि आवाज़ लगा सकता है

झूट कहते हैं कि आवाज़ लगा सकता है ...

sajid-raheem

हमें शग़फ़ है हमेशा से नफ़सियात के साथ

हमें शग़फ़ है हमेशा से नफ़सियात के साथ ...

sajid-raheem

है सुनाना उन्हें बेकार किसी और का दुख

है सुनाना उन्हें बेकार किसी और का दुख ...

sajid-raheem

दिलों से ख़ौफ़ निकाला गया था बचपन में

दिलों से ख़ौफ़ निकाला गया था बचपन में ...

sajid-raheem

चूम कर तुम अगर जबीं जाते

चूम कर तुम अगर जबीं जाते ...

sajid-raheem

छुपाते रहते हैं दुख-दर्द रो नहीं पाते

छुपाते रहते हैं दुख-दर्द रो नहीं पाते ...

sajid-raheem

बिछड़ना यार से आसान भी नहीं होता

बिछड़ना यार से आसान भी नहीं होता ...

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