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मौत बर-हक़ है जब आ जाए हमें क्या लेकिन

मौत बर-हक़ है जब आ जाए हमें क्या लेकिन

ahmar-nadeem

कितने रिश्तों का मैं ने भरम रख लिया

कितने रिश्तों का मैं ने भरम रख लिया

ahmar-nadeem

हम अपने आप में रहते नहीं हैं दम भर को

हम अपने आप में रहते नहीं हैं दम भर को

ahmar-nadeem

हम ऐसे बख़्त के मारे कि शहर में आ कर

हम ऐसे बख़्त के मारे कि शहर में आ कर

ahmar-nadeem

गुमान होने लगा है ये किस के होने पर

गुमान होने लगा है ये किस के होने पर

ahmar-nadeem

दिल लगाने को सारा जहाँ था मगर

दिल लगाने को सारा जहाँ था मगर

ahmar-nadeem

चुपके चुपके अपने अंदर जाते हैं

चुपके चुपके अपने अंदर जाते हैं

ahmar-nadeem

अहवाल मेरे शोर-ए-सलासिल के सुन रफ़ीक़

अहवाल मेरे शोर-ए-सलासिल के सुन रफ़ीक़

ahmar-nadeem

ये एक काम बचा था सो वो भी करने लगे

ये एक काम बचा था सो वो भी करने लगे ...

ahmar-nadeem

'अज़्मत-ए-अहल-ए-जुनूँ पास-ए-वफ़ा रक्खा है

'अज़्मत-ए-अहल-ए-जुनूँ पास-ए-वफ़ा रक्खा है ...

ahmar-nadeem

दीवाली

दिए चारों तरफ़ हर जा फ़रोज़ाँ देखता हूँ मैं ...

abdul-qayyum-zaki-aurangabadi

तिरे एहसास को छू कर लगा है

तिरे एहसास को छू कर लगा है ...

adeeb-damohi

मोहब्बत नए रंग दिखला रही है

मोहब्बत नए रंग दिखला रही है ...

adeeb-damohi

मैं नहीं बैठ के अश्कों को बहाने वाला

मैं नहीं बैठ के अश्कों को बहाने वाला ...

adeeb-damohi

जो भी किरदार से लिखी जाए

जो भी किरदार से लिखी जाए ...

adeeb-damohi

चाँद सूरज न सही कोई सितारा होता

चाँद सूरज न सही कोई सितारा होता ...

adeeb-damohi

चेहरे के ख़द-ओ-ख़ाल में आईने जड़े हैं

चेहरे के ख़द-ओ-ख़ाल में आईने जड़े हैं ...

akhtar-hoshiyarpuri

दिल-ओ-दिमाग़ जलाए हैं इस 'अमल के लिए

दिल-ओ-दिमाग़ जलाए हैं इस 'अमल के लिए ...

akhtar-gwaliori

छू लिया शो'ला-ए-रुख़्सार-ए-सनम देखो तो

छू लिया शो'ला-ए-रुख़्सार-ए-सनम देखो तो ...

akhtar-gwaliori

दिल के अरमान दिल को छोड़ गए

दिल के अरमान दिल को छोड़ गए ...

akhtar-ansari
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