ख़्वाजा दिल मुहम्मद दिल इस्लामिया कॉलेज लाहौर में हिसाब के प्रोफ़ेसर थे। लाहौर म्युनिसिपल कारपोरेशन ने कॉलेज के पीछे वाली सड़क का नाम उनके नाम पर ख़्वाजा दिल मुहम्मद रोड रख दिया था। हरिचंद अख़्तर एक दिन कुछ दोस्तों के साथ गुज़र रहे थे। उनकी नज़र सड़क पर लगे बोर्ड पर गयी जिस पर ख़्वाजा दिल मुहम्मद रोड लिखा हुआ था। फ़ौरन दोस्तों से मुख़ातिब हो कर बोले, “यार अ’जीब बात है, हम तो ख़्वाजा दिल मुहम्मद का तख़ल्लुस ‘दिल’ समझे हुए थे लेकिन उनका तख़ल्लुस तो ‘रोड’ है।”