जब अंजुमन तवज्जोह-ए-सद-गुफ़्तुगू में हो By Sher << तू मौजूद है मैं मादूम हूँ... मुद्दतों ब'अद पशेमाँ ... >> जब अंजुमन तवज्जोह-ए-सद-गुफ़्तुगू में हो मेरी तरफ़ भी इक निगह-ए-कम-सुख़न पड़े Share on: