ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँ अन्य << ज़रा सा जोश क्या दरिया मे... सच तो ये है फूल का दिल भी... >> ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल सँभाल के! Share on: