बहुत तमन्ना थी Admin मनाने के लिए शायरी, अन्य << राज तो हमारा हर जगह पे है... हर दर्द की एक पहचान होती ... >> बहुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की,बना चुके तो लग गयी नज़र ज़म्माने की.उसी का क़र्ज़ है, जो आज है आँखों में आँसू,सज़ा मिली है हमें मुस्कुराने की Share on: