भरोसा ख़त्म हो जाने पे कुछ बाक़ी नहीं रहता ये वो काग़ज़ है जिसकी कार्बन कापी Admin भरोसा शायरी फेसबुक, अन्य << इतना कीमती ना कर खुद को कैसे करूँ शुक्रिया तेरी म... >> भरोसा ख़त्म हो जाने पे कुछ बाक़ी नहीं रहताये वो काग़ज़ है जिसकी कार्बन कापी नहीं होती@ सिर्फ़ खंजर ही नहीं आँखों में पानी चाहिएऐ खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए Share on: