बिक गया ये मुल्क मेरा रिश्वत के नाम पर Admin रोटी शायरी इन हिंदी, अन्य << जो मिलेगा बहुत से लोग थे मेहमान मेर... >> बिक गया ये मुल्क मेरा रिश्वत के नाम परमगर है अब भी यहाँ तोड़ रहा है रोटी कोई 'मेहनत' के नाम पर! Share on: