ग़म इस कदर बढे कि घबरा कर पी गया Admin बेबसी शायरी, अन्य << बनती है अगर बात तो बांट ल... कम्बख्त ने धक्का दिया हमे... >> ग़म इस कदर बढे कि घबरा कर पी गयाइस दिल की बेबसी पर तरस खा कर पी गयाठुकरा रहा था मुझे बड़ी देर से ज़मानामैं आज सब जहां को ठुकरा कर पी गया! Share on: