हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है हँसती आँखों में भी नमी-सी है दिन भी चुप चाप सर Admin नब्ज शायरी, अन्य << बादशाह हो या मालिक सलामी ... राज तो हमारा हर जगह पे है... >> हर ख़ुशी में कोई कमी-सी हैहँसती आँखों में भी नमी-सी हैदिन भी चुप चाप सर झुकाये थारात की नब्ज़ भी थमी-सी है॥ Share on: