मैंने ह 30 गम खुशी में ढाला है Admin हादसे शायरी, अन्य << जो हो गया उसे सोचा नहीं क... दीवार क्या गिरी मेरे कच्च... >> मैंने ह 30 गम खुशी में ढाला हैमेरा हर चलन निराला हैलोग जिन हादसों से मरते हैंमुझको उन हादसों ने पाला है। Share on: