मुझे मालुम है संगेदिलमुझे मालुम है संगेदिल तुझे इस बात का डर हैकि तेरी बेवफ़ाई का चर्चा मैं आम कर दूंगान आए रक़ीबों के तसव्वुर में कभी 'सादिक'मैं अपने नामों को कुछ इस तरह बदनाम कर दूंगाजब साथ में मिल जाए ख़ाक मेरीजब तुझसे जुदा में हो जाऊंजब हो जाए मय्यत दफ़न मेरीजब गहरी नींद में मैं सो जाऊंतुम आके मेरी तुरबत पे दीप जला जानाज़रा साथ उनके संगदिल तुमआंखों से मोती बरसानाफिर कब्र से लिपट के 'सादिक' कीतुम दिल का हाल सुना जाना।