उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो Admin हिंदी आशिक शायरी, इंतज़ार << मैं अब भी वैसा हूँ जैसा त... आँखों के इंतज़ार को >> उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो,इस आशिक दिल का न ऐतबार करो,रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू,इतना न कभी किसी से प्यार करो. Share on: