होंठो ने तेरा ज़िक्र न किया पर मेरी आंखे तुझे पैग़ाम देती है शायर शेर शायरी, इज़हार << अपने चेहरे से जो ज़ाहिर ह... वो करीब ही न आये तो इज़हा... >> होंठो ने तेरा ज़िक्र न किया पर मेरी आंखे तुझे पैग़ाम देती हैहम दुनियाँ से तुझे छुपाएँ कैसे मेरी हर शायरी तेरा ही नाम लेती है! Share on: