ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना Admin सुबह पर शायरी, इश्क << हारा हुआ सा वजूद लगता है ... किसी के पास होने का जब हर... >> ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना,थी आरजू तेरे दर पे सुबह-ओ-शाम करें!ग़म-ए-हयात = ज़िन्दगी का ग़म Share on: