इंतिहा -ए -इश्क़ भी है तलब -ए-दीदार भी भूलने कि हिम्मत नहीं देखने कि इजाज़त नहीं Admin भूलने वाली शायरी, इश्क << नज़र में सबसे पहले हो जिसक... कुछ लफ्ज जो जुबाँ से बया ... >> इंतिहा -ए -इश्क़ भी हैतलब -ए-दीदार भीभूलने कि हिम्मत नहींदेखने कि इजाज़त नहीं Share on: