मैं रो के आह करूँगा जहाँ रहे न रहे ज़मीं रहे न रहे आसमाँ रहे न Admin इश्क << बिन मेरेे रह ही जाएंंगी क... हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म ... >> मैं रो के आह करूँगा जहाँ रहे न रहेज़मीं रहे न रहे आसमाँ रहे न रहेरहे वो जान-ए-जहाँ ये जहाँ रहे न रहेमकीं की ख़ैर हो या रब मकाँ रहे न रहे Share on: