नज़र में सबसे पहले हो जिसके दीदार की चाहत,वो इश्क़ हैहो सज़दे के वक़्त, जिसके पास होने का एहसास, वो इश्क़ है हो जाये काफूर दर्द, जिसके बस एक छू लेने से,वो इश्क़ है हो जाये तबियत खुशनुमा, जिसके, बस कुछ पूछ लेने से,वो इश्क़ हैऔर अगर आ जाये उसकी याद मेरे ये शेर् पढ़ने से,बस वो ही इश्क़ है बस वो ही इश्क़ है ....