"जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ Admin तनहा दिल शायरी, इश्क << तेरे इश्क़ के हाथो अब इतना... तलाश करो कोई तुम्हे मिल ज... >> "जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,मिलने की उमंग बहुत होती है,लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ।" Share on: