नजाकत तो देखिये खुद पर भरोसा शायरी, गिला शिकवा << क्यों चाँदनी रातों में दर... हसरत भरी निगाहों को आराम ... >> नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा,चुपके से अलग करना वरना, लोगो का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा! Share on: