चाँद को अपनी चौकट पे सजाने की तमन्ना ना कर Admin गिला शिकवा << फासला भी जरूरी है प्यार करना हर किसी के बस ... >> चाँद को अपनी चौकट पे सजाने की तमन्ना ना कर,ये जमाना तो आँखों से ख्वाब भी छीन लेता है! Share on: