मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला Admin मेरी ज़िन्दगी शायरी, ज़िन्दगी << सबको गिला है इन्सान की चाहत है कि उड़ने... >> मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदारनिकला,||मैं हारा भी तो अपनी हीं *रानी* से… Share on: