अभी हिज्र दामन में उतरा नहीं है जुदाई << अपनी तन्हाई को आबाद तो कर... हो जाएगी जब तुम से शनासाई... >> अभी हिज्र दामन में उतरा नहीं है मगर वस्ल का भी तो चर्चा नहीं है!*हिज्र- जुदाई Share on: