इतना याद न आया करो Admin सुबह सवेरे की शायरी, जुदाई << फूल खिलतें हैं एहसास मिटा >> इतना याद न आया करो, ….…..कि रात भर सो न सकें।. . . . . सुबह को सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग। Share on: