ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है जुदाई << हो जाएगी जब तुम से शनासाई... जिन्हें हम देख कर जीते थे... >> ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता हैऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!x Share on: