तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में Admin पुराने दोस्त शायरी, जुदाई << जब मोहबत बेमिसाल कि तो जख... मुझे छोड़ के तुम जिसके लिए... >> तकलीफें तो हज़ारों हैंइस ज़माने में..!!बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता....!!!! Share on: