बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ Admin झूठ की शायरी, दर्द << प्यार में मैंने सब कुछ खो... हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड... >> बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ,अभी तो मैं दुखों के जाम पीना सीख रहा हूँ,कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलाने की,अभी तो मैं तेरे झूठे वादों को भुलाना सीख रहा हूँ| Share on: