बिछड़ते वक़्त उसी की तरफ़ नहीं देखा न रोक ले हमें रोता हुआ कोई चेहरा चले तो Admin दर्द << समय पर खुल गयीं आँखें बडी... उस पथ से क्यों चलता हे तू >> बिछड़ते वक़्त उसी की तरफ़ नहीं देखान रोक ले हमें रोता हुआ कोई चेहराचले तो मुड़ के गली की तरफ़ नहीं देखाबिछड़ते वक़्त बहुत मुतमुइन थे हम दोनोंकिसी ने मुड़ के किसी की तरफ़ नहीं देखा Share on: