छुप गया अब्र के आँचल में कमर शरमाकर Admin जोकर शायरी, दर्द << मेरी तनहाइयों से कोई पूछे था तुमसे इश्क भी इतना तुम... >> छुप गया अब्र के आँचल में कमर शरमाकरज़ुल्म जब शानों पे वो अपनी सजाकर आयेहाल तू उनको बताना मेरा उनका मुझकोऐ सबा उनसे अगर तू कभी मिलकर आए Share on: