जी रहे हैं हम अपने हाल पर किससे शिकवा करे अपनी बेबसी का ना कोई वफादार हैं Admin वफा कि शायरी, दर्द << ये दिन भी बीत जायेंगे गम ... उठाना खुद ही पङता है >> जी रहे हैं हम अपने हाल परकिससे शिकवा करे अपनी बेबसी काना कोई वफादार हैं मेराअब तो मौत भी बैगानी हुयी Share on: