कुछ इस तरह भी हम जिन्दगी बिता लेते हैंछुपा दर्द दिल मे लबों पे मुस्कान सजा लेतेहैं भीगा हो दामन अश्कों से येजरूरी तो नहींपलकों मे ही दरिया ओ समंदर बहा लेते हैं मंजिल-ऐ-मोहब्बत तो किस्मत की बातहैख़ाबों मे ही एक खूबसूरत जहां बसा लेते हैं यूँ तो दिएहैं जख्म दिल पे तूने कई गहरेघावों पे मरहम यादों का तेरी लगा लेते हैंआड़ी तिरछी रेखाओं से भर गई हथेलियाँचल दिल मे ही थोड़ी सी जगह बना लेते ह