रवां ग़मों का समंदर है उसकी आँखों से Admin समंदर पर शायरी, दर्द << क्यों बहाने करते थे मुझसे... मैं मोहलत वख्त से फॉर मां... >> रवां ग़मों का समंदर है उसकी आँखों से मगर वो देता है सबको हँसी ख़ुशी का जवाबये तेरी दीद की हसरत में तेरे दीवानेपरेशां हैं तेरा सुनकर के बेबसी का जवाब Share on: