समय पर खुल गयीं आँखें बडी नेमत खुदा की है तुझे रुसवा जो हम करते तो Admin शायरी आ गयी, दर्द << कितनी की तारीफ तुमने मेरी बिछड़ते वक़्त उसी की तरफ़... >> समय पर खुल गयीं आँखें बडी नेमत खुदा की हैतुझे रुसवा जो हम करते तो खुद को छल गए होतेचलो अच्छा हुआ तुमने जो मुझसे फेर लीं नजरेंबगरना खामखाँ आँखों में सपने पल गए होते Share on: