आए ज़ुबाँ पर राजे-ए-मुहब्बत मुहाल है तुमसे अज़ीज मुझे तुम्हारा ख्याल है वो थे ना मुझसे दूर Admin संभाजी राजे शायरी, प्रेम << तेरी खुशी से अगर गम मे भी... हवा कुछ और ही आलम में चलत... >> आए ज़ुबाँ पर राजे-ए-मुहब्बत मुहाल हैतुमसे अज़ीज मुझे तुम्हारा ख्याल हैवो थे ना मुझसे दूर ना मैं उनसे दूर थाआता ना था नज़र तो ये नज़र का कसूर था Share on: