दरिया ने झरने से पूछा तुझे समन्दर नहीं बनना है क्या Admin राजपूत बन्ना शायरी, प्रेम << काटो के बदले फूल क्या दोग... ज़माने भर में आशिक कोई हमस... >> दरिया ने झरने से पूछातुझे समन्दर नहीं बनना है क्या..?झरने ने बड़ी नम्रता से कहाबड़ा बनकर खारा हो जाने से अच्छा हैछोटा रह कर मीठा ही रहूँ Share on: