दोस्ती उन से करो जो निभानाजानते हो नफ़रत उन से करो जो भूलनाजानते हो ग़ुस्सा उन से Admin साथ निभाना शायरी, प्रेम << सात सुरों का बहता दरिया त... चुपके से धड़कन में उतर जा... >> दोस्ती उन से करो जो निभानाजानते होनफ़रत उन से करो जो भूलनाजानते होग़ुस्सा उन से करो जो माननाजनता होप्यार उनसे करो जो दिल लुटानाजनता हो Share on: